Tuesday, July 30, 2019

सेसा प्रसाद

सेसा प्रसाद- आमतौर पर सावन के पावन महीने में अच्छी वर्षा की कामना अथवा किसी मन्नत के पूरी होने पर किया जाता है।साईं झूलेलाल इससे बहुत प्रसन्न होते है। सेसा प्रसाद में गुड़ के मीठे चावल, आटे की चूरी, चना दाल की खिचड़ी इत्यादी का प्रसाद वितरित किया जाता है।चालीहा महोत्सव, चंद्र दर्शन, शुक्रवार(थारूवार) व वर्ष के अन्य दिनों में भी सेसा किया जाता है पर श्रावण मास में इसका खास महत्व है।इस पर्व में भजन संकीर्तन के बाद ज्योती जल में पर्वाहित की जाती है।आयोलाल जय झूलेलाल

Monday, August 13, 2018

अरदास साईं झूलेलाल

                  || अरदास ||

ॐ श्री पलू पातम, गुरु जादम बलिहारी |
कुम्याल जती, ब्रहमा जती, तेती सौ करोड़ी
आगे जिन्दा जाहिर जिन्दा
पुगर साईं अम्मा बाई बाहर आई,
ठक्कर बुढा, मर्द मसारा
बिशन लाल, लाल सुन्दर जगजीवन लाल,
माधो दयाल किरपा दयाल,
राजा राज करे प्रजा सुख वस्से,
अन्न पानी दे भंडारे भरपूर,
काल कंटक सब दूर,
गुरी पीरी वधाईं, चलिहे बरकत पाईं,
जिन्ना नू दित्ता तिन्ना नु दुआ,
जिन्ना नू नाही दित्ता ओहना नू वी दुआ,
तेरे दर दा सवाली, कोई नाही खाली,
चौकी दर दा नाम सवाली,
वाख ना रखीं खाली,
डीठा मुख अमर दा, डीठी जोत अमर दी,
दुःख सब होवे दूर,
किरपा भई जिन्दपीर की,
नाम भक्ति भरपूर,
नाम दान वीसा दान, लड लग्गे दी लाज,
पैदा कित्ते दी लाज, इस्भेख दित्ते दी लाज,
दुध पुतर दी लाज, दुएती दुश्मनी दा नाश,
स्वासां दा संग होवीं, परदे ते पल्लू रखीं,
जत सत् धर्म शर्म कायम रखीं,
सर्व दा भला, सर्व दा भला, सर्व दा भला,
बोलेगा सो निहाल होवेगा,
बोल अमर लाल भगवान की जय, झूलेलाल की जय ||

Sai Jhulelal Punjabi Bhajan


Monday, July 16, 2018

लाल साईं मोहे वर दे- भजन हिंदी


धुनी २

                     || धुनी २ ||

साईं झूलेलाल...झूलेलाल...झूलेलाल जी....
अमरलाल...अमरलाल...अमरलाल जी....

साईं दीनदयाल...दुहलन लाल...प्रभु कृपाल जी...
आयोलाल आयोलाल आयोलाल जी....

आयोलाल साईं कीयो बेडोपार जी....
अमरलाल...अमरलाल...अमरलाल जी....

पल्लेवालो अखेवालो आयोलाल जी...
झूलेलाल...झूलेलाल...झूलेलाल जी....

साईं झूलेलाल...झूलेलाल...झूलेलाल जी....
अमरलाल...अमरलाल...अमरलाल जी....

धर्म रक्षक साईं झूलेलाल बन उदेरो लाल जी....
झूलेलाल...झूलेलाल...झूलेलाल जी....

आयोलाल आयोलाल उदेरोलाल जी.....
दीनदयाल दुलहेलाल प्रभु कृपाल जी....

अमरलाल...अमरलाल...अमरलाल जी....
झूलेलाल...झूलेलाल...झूलेलाल जी....

धुनी १

                       || धुनी १ ||

तू ही अमरलाल है – तू ही झूलेलाल है |
तेरे ही चरणों में मेरा मोक्षधाम है |
तू ही लालन लाल है – तू ही ज्योतियुनी वाला है |
तेरे ही चरणों में मेरा सच्चा मोक्षधाम है |
तू ही घोड़े वाला है – तू ही पल्ले वाला है |
तू ही सिंधु वाला है – तू ही गंगा वाला है |
तू ही भरूच वाला है – तू ही नर्मदे वाला है
तू ही अजमेर वाला है – तू ही बालम्बे वाला है
तू ही अमरलाल है – तू ही झूलेलाल है |
तेरे ही चरणों में मेरा मोक्षधाम है |

जाप मंत्र

                    || जाप मंत्र ||
 
संसार पार उतार हित अवतार था |
जिसने लिया सर्वेश होकर भी नारी के सटश को तुक किया |
अमरलाल जिसका नाम है, सुखधाम है |
उस ब्रह्म को और अव्यक्त को, मम बार बार प्रणाम है |